कोरोना वायरस के खतरों से निपटने के लिए 14 अप्रैल तक देशभर में पूरी तरह से लॉकडाउन है. ऐसे में आर्थिक और व्यावसायिक गतिविधियां ठप हो गई हैं, जिसके मजदूर और गरीबों के सामने रोजी-रोटी का संकट आ गया है. उत्तर प्रदेश की योगी सरकार लॉकडाउन से प्रभावित ग्रामीण और शहरी क्षेत्र के मजदूरों और गरीबों के लिए आज यानी बुधवार से मुफ्त राशन वितरण शुरू कर रही है. इससे पहले योगी सरकार मजदूरों के खाते में 1-1 हजार रुपये भेज चुकी है.
उत्तर प्रदेश में अंत्योदय योजना और मनरेगा के दायरे में आने वाले मजदूर जो श्रम विभाग में पंजीकृत है. इसके अलावा निर्माण श्रमिकों और शहरी क्षेत्र के राशन कार्डधारक दिहाड़ी मजदूरों को योगी सरकार मुफ्त खाद्यान्न उपलब्ध कराने की दिशा में कदम उठाया है. वहीं, प्रदेश के बाकी राशक कार्ड धारकों को पहले की तरह तीन रुपये प्रति किलो चावल और दो रुपये प्रति किलो गेहूं दिया जाएगा.
हालांकि, कोरोना के चलते किए गए लॉकडाउन की वजह से केंद्र सरकार की ओर से सभी राशन कार्डधारकों को 15 अप्रैल से फ्री खाद्यान्न दिया जाएगा. इस तरह अगले तीन माह तक हर महीने दो बार अनाज बांटे जाने की योजना है. हर महीने की पहली तारीख से पहले की तरह से सशुल्क और 15 तारीख से प्रति व्यक्ति पांच किलो खाद्यान्न बंटेगा. इस तरह से महीने में दो बार राशन दिया जाएगा.
राशन वितरण में सोशल डिस्टेंसिं
सरकार की ओर सूबे के सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि खाद्यान्न वितरण के दौरान कहीं भी पांच से अधिक लाभार्थी एकत्रित न हों और वे आपस में सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखें. राशन की दुकानों पर भीड़ न हो और सोशल डिस्टेंसिंग बनी रहे. इसके लिए प्रत्येक कोटेदार को रोस्टर के हिसाब से राशन वितरित करेगा. साथ ही अनाज वितरण के दौरान हर मजदूर के हाथ साफ कराने के लिए सैनिटाइजर या साबुन और पानी की व्यवस्था कोटेदार को करने के लिए आदेश दिया गया है.
होम डिलीवरी के माध्यम से राशन
कोरोना संक्रमण के चलते किसी व्यक्ति, परिवार, समुदाय, कस्बा या कॉलोनीवासियों को होम क्वारंटाइन किया गया है तो ऐसी स्थिति में उस तक होम डिलीवरी के माध्यम से राशन पहुंचाने का निर्देश है. राशन वितरण के लिए प्रत्येक उचित दर की दुकान के लिए जिलाधिकारी की ओर से नोडल अधिकारी की नियुक्ति की गई है. ऐसे में नोडल अधिकारी और ग्राम प्रधान की मौजूदगी में उचित दर विक्रेता राशन वितरण कराएंगे.
मजदूरों की आर्थिक मदद
लॉकडाउन की वजह से आर्थिक और व्यावसायिक गतिविधियां बंद होने के कारण योगी सरकार ने श्रम विभाग में पंजीकृत निर्माण श्रमिकों को 1000 रुपये प्रतिमाह भरण पोषण भत्ता दे रही है. इस कड़ी में योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश के 9.63 लाख निर्माण श्रमिकों में से प्रत्येक के बैंक खाते में एक हजार रुपये भेज दिए दिए गए हैं. यूपी के 20.37 लाख निर्माण श्रमिक पंजीकृत हैं, जिन्हें यह भत्ता दिया जाना है. इसके अलावा योगी सरकार ने रेहड़ी, पटरी और निर्माण कार्य के श्रमिकों को भी सुविधा देने का फैसला किया है.