नेपाल के कार्यकारी प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली को उनकी ही पार्टी से निकाल दिया गया. दरअसल नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी के प्रचंड के नेतृत्व वाले गुट ने प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित कर दिया.
द हिमालयन टाइम्स की खबर के अनुसार पूर्व प्रधानमंत्री प्रचंड और माधव कुमार नेपाल के नेतृत्व वाले गुट की स्थाई समिति की बैठक में यह निर्णय लिया गया. इससे पहले ओली पार्टी आलाकमान को अपने हालिया फैसलों के बारे में स्पष्टीकरण देने में विफल रहे थे.
प्रचंड के नेतृत्व वाले गुट ने सोमवार को प्रधानमंत्री के बलुवातार स्थित आवास पर एक पत्र भेजा था. इससे पहले अलग हुए गुट ने ओली को पार्टी के अध्यक्ष पद से हटा दिया था.
इससे पहले एनसीपी के पृथक धड़े के नेता पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ ने शुक्रवार को यहां एक बड़ी सरकार विरोधी रैली का नेतृत्व किया और कहा कि प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली द्वारा संसद को ‘‘अवैध तरीके’’ से भंग किए जाने से देश में मुश्किल से हासिल की गई संघीय लोकतांत्रिक गणराज्य प्रणाली को गंभीर खतरा पैदा हुआ है.
नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (एनसीपी) के अपने धड़े के समर्थकों को संबोधित करते हुए पूर्व प्रधानमंत्री प्रचंड ने कहा कि ओली ने न सिर्फ पार्टी के संविधान और प्रक्रियाओं का उल्लंघन किया, बल्कि नेपाल के संविधान की मर्यादा का भी उल्लंघन किया और लोकतांत्रिक रिपब्लिक प्रणाली के खिलाफ काम किया.
उन्होंने कहा कि ओली के कदमों के चलते लोग प्रदर्शन करने को विवश हुए हैं और आज, पूरा देश प्रतिनिधि सभा को भंग किए जाने के खिलाफ है. प्रदर्शन में 25,000 से अधिक लोग शामिल हुए.